Wednesday, June 17, 2009

मित्रों

हेल्लो,
मित्रों मैं संजय आनंद आपसे अपनी मन की वाणी कहना चाहता हूँ ,यदि त्रुटि हो तो ये मानिए कि कोई भी मनुष्य संपूर्ण नहीं है.आज इन्हीं शब्दों के साथ ,
आपका
संजय आनंद

2 comments:

  1. कहे सुने कछु नहीं, पहिले सफाइए देने लगे।
    स्वागत है आप का और इंतजार है आप की कम्प्यूटर कलम का।

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  2. सबसे पहले आपका स्वागत है...
    और अब हम दूसरी पोस्ट पर जाते हैं...

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